बिहार राज्य गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है। प्रदेश में धुआं का प्रमुख कारण यहां इस्तेमाल किये जा रहे पारंपरिक लकड़ी और गोबर से जलने वाले चूल्हों का है। एलपीजी और बायोगैस जैसे स्वच्छ ईंधन को अपनाने में प्रगति के बावजूद, कई गरीब परिवार अभी भी इन प्रदूषणकारी तरीकों पर निर्भर हैं। इस वीडियो में देखें कैसे महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के अभिनव प्रयासों के द्वारा बेहतर स्टोव का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में बेहतरी हो रही है और बिहार के वायु प्रदूषण में कटौती करने के कार्य में मार्ग दर्शन प्रदान करता है।
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- 00:00 पारंपरिक स्टोव के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं
- 00:48 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का परिचय
- 01:07 बेहतर स्टोव के लाभ: स्वास्थ्य और कुशलता
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