अक्टूबर 31, 2024 - विश्व बैंक के कार्यपालक निदेशक मंडल ने 31 अक्टूबर, 2024 को केरल के किसानों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि करने और कृषि-उद्यमियों को मूल्यवर्धित उत्पादों की बिक्री के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक नए कार्यक्रम को मंजूरी दी है । इससे कम से कम 9 मिलियन डॉलर के वाणिज्यिक वित्त का लाभ प्राप्त होंगे जो कृषि-खाद्य लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई), विशेषकर महिलाओं के लिए स्थापित करने में मदद करेगा।
भारत का केरल राज्य, इलायची, वेनिला और जायफल जैसे मसालों का मुख्य उत्पादक होने के साथ,कुल कृषि-खाद्य निर्यात में लगभग 20 प्रतिशत की भागीदारी रखता है। लेकिन, जलवायु परिवर्तन से इन उपलब्धियों में परेशानी आ रही है। बाढ़ और जंगल की आग जैसी प्राकृतिक आपदाएँ, साथ ही व्यापक बाज़ारों तक पहुँचने की चुनौतियाँ किसानों को प्रभावित कर रही हैं।
20 करोड़ डॉलर की केरल जलवायु अनुकूल कृषि-मूल्य श्रृंखला आधुनिकीकरण (केरा) परियोजना राज्य के कृषि क्षेत्र की जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलता को मजबूत करने में मदद करेगी। जलवायु-अनुकूल पद्धतियों तक बेहतर पहुंच के माध्यम से लगभग 400,000 किसानों को लाभ होगा। इसमें कॉफ़ी, इलायची और रबर की जलवायु-अनुकूल किस्मों की पुनः रोपाई और ग्रामीण क्षेत्रों में केरल के "फ़ूड पार्कों" का विस्तार करने में मदद करना शामिल है।
इन पार्कों में खाद्य संसाधन और मूल्यवर्धित उत्पादों में कृषि व्यवसायों को समर्थन देने के लिए जल, बिजली और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं होंगी।
भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौआमे ने कहा, "यह परियोजना निजी क्षेत्र के निवेश को और बढ़ाएगी तथा किसानों और लघु और मध्यम* उद्यमों के लाभ के लिए कृषि मूल्य शृंखलाओं को एकीकृत करेगी। इसके अलावा यह कृषि आधारित लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) को सहायता प्रदान करेगा तथा वर्तमान में केरल में लघु और मध्यम उद्यमों में 23 प्रतिशत भागीदारी रखने वाली महिलाओं को व्यावसायिक योजनाओं के लिए प्रशिक्षण प्रदान करके वाणिज्यिक वित्त तक पहुंच प्राप्त करने के लिए उनकी व्यावसायिक व्यवहार्यता को मजबूत बनाएगा। ”
इस परियोजना का उद्देश्य किसान समूहों और कृषि व्यवसायों के बीच उत्पादक गठबंधन बनाना भी है। यह गठबंधन उत्पादकों और खरीदारों के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेंगे, जिसे सार्वजनिक क्षेत्र सुगम बनाएगा । इसके अलावा, यह कृषि-तकनीक स्टार्टअप को भी बढ़ावा देगा।
परियोजना के टास्क टीम प्रमुख क्रिस जैक्सन, अज़ेब मेकोनेन और अमादौ डेम ने कहा, "यह परियोजना चावल जैसी मुख्य खाद्य फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगी, साथ ही ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को कम करेगी। उत्पादकता में वृद्धि और कृषि मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करने से केरल के कृषि क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को बनाए रखने में मदद मिलेगी और इससे रोजगार सृजन और आय वृद्धि में मदद मिलेगी।"
अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) /विश्व बैंक से प्राप्त 20 करोड़ डॉलर के ऋण की अंतिम परिपक्वता अवधि 23.5 वर्ष है, जिसमें 6 वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है।