वाशिंगटन 28 मार्च, 2023। विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने आज दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक के 20 लाख ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में पानी के कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति प्रदान करने के लिए 36.3 करोड़ डॉलर के ऋण को मंजूरी दी।
कर्नाटक का लगभग 77 प्रतिशत हिस्सा शुष्क या अर्ध-शुष्क है और जलवायु परिवर्तन से संबंधित परिवर्तनीय वर्षा के कारण कभी सूखा पड़ता है और कभी बाढ़ आती है, जिसके परिणामस्वरूप भूजल की कमी होती है, और पानी की गुणवत्ता खराब हो जाती है। कर्नाटक सतत ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर को कार्यशील नल के पानी का कनेक्शन प्रदान करने की कर्नाटक सरकार के लक्ष्य का समर्थन करेगा। इसमें पेयजल वितरण नेटवर्क का निर्माण और ग्रामीण घरों में पानी के मीटर की स्थापना शामिल होगी और इससे राज्य के सभी 31 जिलों में लगभग 1 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।
भारत के लिए विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगुस्ट तानो कुआमे ने कहा कि, "सभी ग्रामीण परिवारों को पाइप से पानी पहुंचाने के भारत के लक्ष्य को हमारे समर्थन में जेंडर समानता पर हमारा ध्यान केंद्रित है। यह कार्यक्रम ग्रामीण स्थानीय सरकारों की जलापूर्ति सेवाओं को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने की क्षमता को बढ़ाएगा जो विशेष रूप से महिलाओं को सीधे लाभान्वित करेगा, क्योंकि पानी लाने के लिए सबसे ज्यादा बोझ वे उठाती हैं। अब उनके पास शिक्षा और औपचारिक नौकरियों के अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर स्वास्थ्य और अधिक समय होगा।“
हालांकि कर्नाटक ने पिछले दशकों में ग्रामीण जलापूर्ति पर प्रगति की है, लेकिन स्थानीय और ग्रामीण स्तरों पर अपर्याप्त क्षमता के कारण अड़चनें पैदा हुई हैं। इसके निवारण के लिए, बैंक का कार्यक्रम राज्य सरकार को नीतियों और परिणाम-आधारित पहलों को पेश करने के लिए समर्थन करेगा, जिनसे ग्रामीण जलापूर्ति सेवाओं के वितरण के समग्र संचालन की कुशलता में सुधार होने की उम्मीद है। कार्यक्रम के तहत, 7 जल-संकटग्रस्त जिलों[1] में जल भंडारण क्षमता और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने में मदद करने के लिए लगभग 500 ग्रामीण जलाशयों को पुनर्जीवित भी किया जाएगा।
कार्यक्रम के टास्क टीम लीडर क्रिस्टोफर वेल्सियन और श्री मारियाप्पा कुलप्पा ने कहा कि, "कार्यक्रम के जरिए, विश्व बैंक और कर्नाटक राज्य कम से कम 500 ग्राम पंचायतों में 24/7 जलापूर्ति सेवा देना चाहते हैं"। उन्होंने कहा कि "यह कार्यक्रम ग्रामीण जल सेवा वितरण के लिए एक उन्नत क्षेत्र निगरानी प्रणाली विकसित करेगा और लगभग 3,000 ग्रामीण महिलाओं को प्लंबर के रूप में नियोजित करने के लिए ऑन-द-जॉब कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा।"
अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) से 36.3 करोड़ डालर का ऋण, प्रोग्राम-फॉर-रिजल्ट्स (पीएफओआर) वित्तपोषण साधन का उपयोग करता है जो धन के संवितरण को सीधे विशिष्ट कार्यक्रम परिणामों की उपलब्धि से जोड़ता है। ऋण की परिपक्वता 13.5 साल है जिसमें 2 साल की छूट अवधि भी शामिल है।
[1] प्रस्तावित जिले हैं बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु शहरी, बीदर, चिक्काबल्लापुरा, कलबुर्गी कोलार और तुमकुर।