नई दिल्ली, 21 दिसंबर, 2023 - विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने आज तमिलनाडु के लिए एक नए कार्यक्रम को मंजूरी दी है। यह कार्यक्रम शहरों में लगभग 20 लाख लोगों को बेहतर और अधिक सुगम जल आपूर्ति और सीवरेज सेवाएं प्रदान करेगा।
तमिलनाडु भारत के सबसे अधिक शहरीकृत राज्यों में से एक है और बाढ़ और सूखे जैसे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना कर रहा है। इसकी तेजी से बढ़ती आबादी के लिए, जल और स्वच्छता जैसी सेवाओं तक पहुंच आवश्यक है।
30 करोड़ डॉलर का "तमिलनाडु जलवायु अनुकूल शहरी विकास कार्यक्रम" 21 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को उनके वितरण प्रणालियों को अपडेट करने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और कुशल जल आपूर्ति और सीवरेज सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगा।
विश्व बैंक के भारत के लिए कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे टैनो कौमे ने कहा, "2030 तक, भारत के लगभग 70 प्रतिशत नए रोजगार शहरों में पैदा होंगे और 18 मिलियन से अधिक लोग शहरों में चले जाएंगे। आर्थिक विकास के केंद्रों के रूप में इन शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और बुनियादी सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने की क्षमता को मजबूत करना महत्वपूर्ण होगा ।"
पानी की आपूर्ति तक बेहतर पहुंच प्राप्त करने में मदद करने के अलावा, यह कार्यक्रम शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को चुने हुए जगहों में हरित स्थानों और पार्कों को बढ़ाने में सहायता करेगा।
परियोजना के कार्य दल के नेताओं रघु केसवन, मंशा चेन और लिलियन पेना पी. वीस ने कहा, "यह कार्यक्रम प्रदर्शन-आधारित अनुबंधों को शुरू करके निजी क्षेत्र को आकर्षित करने का लक्ष्य रखता है। इसके अतिरिक्त, यह नगरपालिका बांड जारी करेगा और शहरी सुशासन सुधारों का समर्थन करेगा ताकि शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार हो और शहरी आबादी की भविष्य की जरूरतों को सुरक्षित किया जा सके। समुदाय, विशेष रूप से महिलाएं, शहरों के लिए प्रभावी जलवायु कार्रवाई योजनाओं को डिजाइन करने और समर्थन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।"
पिछले दो दशकों से, विश्व बैंक ने तमिलनाडु और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के साथ जुड़कर एक राज्य स्तरीय शहरी संस्थान को सार्वजनिक-निजी भागीदारी सुविधा के रूप में स्थापित करने और इसे विकसित करने के लिए काम किया है, जो शहरों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए विभिन्न वित्त स्रोतों का लाभ उठाता है।
अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईबीआरडी) द्वारा दिए गए 30 करोड़ डॉलर के ऋण का उपयोग परिणाम-आधारित कार्यक्रम (पीफॉरआर) और निवेश परियोजना वित्तपोषण (आईपीएफ) के सम्मिश्र वित्तपोषण साधन के माध्यम से किया जाएगा। इसके तहत, विशिष्ट परिणामों की प्राप्ति से सीधे जुड़ाव रखते हुए धन का वितरण किया जाएगा और साथ ही तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी। ऋण की परिपक्वता अवधि 32 वर्ष है और इसमें सात वर्ष की छूट अवधि का प्रावधान है।