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प्रेस विज्ञप्ति27 जून, 2023

विश्व बैंक ने भारतीय राज्यों असम और त्रिपुरा में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने और मानव पूंजी के लिए निर्माण के लिए नई ऋण परियोजना की घोषणा की

The World Bank

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वाशिंगटन, जून 26  2023 -  विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम और त्रिपुरा में  परियोजनाओं के लिए कुल 39. 1 करोड़ डॉलर के ऋण की मंजूरी दी है।  इन परियोजनाओं का उद्देश्य इन राज्यों में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को लोगों तक पहुँचाना और नए आर्थिक अवसरों में वृद्धि करना है।  

भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्ट तानो कुआमे ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "विश्व बैंक देश के पूर्वोत्तर में भारत सरकार के विकास प्रयासों के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है।  असम में, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं  की पहुंच बढ़ने से उन्हें अपना समय और धन बचाने में मदद मिलेगी और इससे उनके उत्पादक कामों में लगे रहने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाएगी।  त्रिपुरा में, ऑल-वेदर सड़कों और हरित कृषि प्रौद्योगिकियों तक पहुंच से आदिवासियों, ख़ासकर महिलाओं के जीवन और आजीविका को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। "

लगभग 25 करोड़ डॉलर की असम स्टेट सेकेंडरी हेल्थकेयर इनिशिएटिव फॉर सर्विस डिलीवरी ट्रांसफॉर्मेशन (एसिस्ट) परियोजना से असम में गुणवत्तापूर्ण  स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच में सुधार होगा, जिससे कम से कम 18 लाख लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।

इस परियोजना के तहत आपातकालीन प्रसूति एवं नवजात देखभाल सेवाओं की व्यापक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी और गैर-संचारी रोगों के उपचार और प्रबंधन में सुधार किया जाएगा।  इस परियोजना के तहत राज्य कुछ ख़ास जिलों के जिला अस्पतालों में 10 निचले स्तर की सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जाएगा और स्वास्थ्य सेवा वितरण को बेहतर बनाने के लिए नर्सों एवं स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधकों के क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

प्रोजेक्ट टीम के लीडर अमित नागराज और एलिना प्रधान ने बताया, "असम ने आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार में उल्लेखनीय प्रगति की है।  जहां 2005 में महज़ 24 प्रतिशत महिलाएं प्रसूति सेवाएं ले रही थीं, वहीं वर्तमान में यह 87 प्रतिशत तक पहुंच गया है।  लेकिन उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे गैर-संचारी रोगों के प्रसार ने राज्य के स्वास्थ्य देखभाल तंत्र पर दोहरा दबाव डाला है।  यह परियोजना राज्य में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की कुशलता और गुणवत्ता को बढ़ाएगी और यहां तक कि भारत के पूर्वोत्तर एवं अन्य क्षेत्रों में इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचार के एक मॉडल के तौर पर पेश किया जा सकता है। "

दूसरी ओर १४ करोड़ डॉलर की त्रिपुरा ग्रामीण आर्थिक विकास एवं सेवा वितरण परियोजना का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है और आदिवासी-बहुल इलाकों या क्षेत्रों (जहां आदिवासी रहते हैं और काम करते हैं) के 142,000 परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाना है।  400 किमी से ज्यादा लंबी ग्रामीण सड़कों को ऑल-वेदर सड़कों में अपग्रेड किया जाएगा, जिससे पहाड़ी एवं जंगली इलाकों में रहने वाले किसानों और समुदायों की बाज़ार तक पहुंच आसान हो जाएगी।  जलवायु-स्मार्ट कृषि की मदद से लगभग 75,000 परिवारों की आजीविका में सुधार होगा जिन्हें इससे फलों और सब्ज़ियों की खेती में मदद मिलेगी।  इस परियोजना के तहत माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों के शिक्षा-स्तर में सुधार के लिए भी निवेश किया जाएगा, जिसके लिए स्कूलों में छात्रों का नामांकन बढ़ाने और शिक्षकों के कौशल में वृद्धि का प्रयास किया जाएगा।

टीम लीडर प्रीति कुमार, अन्ना ओ'डॉनेल, और टेसफैमाइकल नहुसेनय का कहना था, "इस परियोजना के तहत किए गए निवेश से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में विविधता लाने, नए रोज़गार एवं कौशल का सृजन करने, और मानव पूंजी के विकास में प्रत्यक्ष योगदान देने में मदद मिलेगी।  इसके अलावा यह परियोजना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जूझने की क्षमता बढ़ाने में भी सहयोग करेगी। "

अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईआरडीबी) द्वारा असम के विकास के लिए 25. 1 करोड़ डॉलर और त्रिपुरा के लिए 14 करोड़ डॉलर का ऋण प्रदान किया गया है, जिसकी अंतिम परिपक्वता अवधि 10. 5 साल है, जहां ऋण भुगतान के लिए 5 साल की अतिरिक्त समय सीमा दी गई है।

संपर्क

वाशिंगटन में
डायना चुंग
दिल्ली में
शिल्पा बनर्जी

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