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प्रेस विज्ञप्ति 21 दिसंबर, 2021

कर्नाटक राज्य के तीन शहरों में निरंतर पाइप जलापूर्ति के लिए विश्व बैंक से 15 करोड़ डॉलर और मिले

नई दिल्ली, 21 दिसंबर, 2021 - विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने कर्नाटक राज्य के तीन शहरों में पूरी आबादी को निरंतर पाइप जलापूर्ति करने के राज्य के प्रयासों में तेजी लाने के क्रम  में कर्नाटक में चल रही शहरी जलापूर्ति आधुनिकीकरण परियोजना के लिए 15 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त वित्तपोषण को मंजूरी दी है।

शहरी जल सुधार के लिए कर्नाटक सरकार के साथ विश्व बैंक की साझेदारी 2004 में शुरू हुई। तीन प्रमुख शहरों : हुबली-धारवाड़, बेलगावी और कलबुर्गी के बाहरी इलाके में विशिष्ट 'डेमो-जोन' में लगभग 2,30,000 लोगों को निरंतर और विश्वसनीय पाइप जलापूर्ति करने के लिए राज्य को सबसे पहले लगभग 5.2 करोड़ डॉलर का समर्थन दिया गया था। उस समय इन शहरों के केवल 34-60 प्रतिशत निवासी हर तीन दिन में लगभग दो घंटे के लिए पाइप जलापूर्ति से जुड़े थे, और पानी का उपयोग करने से पहले उसे कीटाणुरहित करने की आवश्यकता थी।

यह निर्बाध जलापूर्ति करने वाली पहली ऐसी पायलट परियोजनाओं में से एक थी जहां पानी की कमी और खराब पानी की गुणवत्ता लंबे समय से प्रचलन में रही थी। परियोजना ने पानी के उपयोग के आधार पर पानी के मीटर और टैरिफ की शुरुआत की, जिससे पानी प्राप्त करने के नागरिकों के निजी खर्चों में कमी आई, जिससे नगरपालिका जल सेवा प्रदाता के लिए राजस्व का सृजन हुआ और पानी के संरक्षण में मदद मिली।

इसके बाद इन तीन शहरों में पूरी आबादी को निरंतर (24x7) जलापूर्ति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कर्नाटक शहरी जलापूर्ति आधुनिकीकरण परियोजना के तहत 10 करोड़ डॉलर का और समर्थन दिया गया था। आज स्वीकृत अतिरिक्त वित्तपोषण से इन शहरों में पूरे शहर में विश्वसनीय और निरंतर सुरक्षित जलापूर्ति के साथ राज्य को भारत में पहला राज्य बनने की अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

भारत में विश्व बैंक के कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने कहा, " शहरों और कस्बों, जहां निम्न आयवर्ग की औपचारिक एवं अनौपचारिक बस्तियों वाले को औपचारिक जलापूर्ति से बाहर रखा गया है, में बाधित जलापूर्ति के साथ भारत का संघर्ष, कर्नाटक के तीन शहरी केंद्रों में जीता जा रहा है।" उन्होंने कहा कि “बेलगावी, हुबली-धारवाड़ और कलबुर्गी में, आधुनिक जल उपक्रमों की स्थापना का उद्देश्य आय स्तर और आवास की स्थिति की परवाह किए बिना, जलापूर्ति के लिए सार्वभौमिक और निरंतर पहुंच सुनिश्चित करना है। पानी का उचित मूल्य और कुशलता से प्रबंधन सभी नागरिकों की जरूरतों को पूरा कर सकता है, यह कर्नाटक के विकास का एक मजबूत संदेश है।”

कर्नाटक देश में दूसरा सबसे अधिक सूखाग्रस्त राज्य है, और बेलगावी और कलबुर्गी ऐसे जिलों हैं जहां जल संकट 'अत्यधिक' है। हुबली-धारवाड़ को चक्रवात और जंगल की आग के लिए अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। यह संभावना है कि जलवायु प्रभावों से केवल मौजूदा जल संकट बढ़ेगा। अतिरिक्त वित्तपोषण से आपात स्थितियों और संकटों के लिए तुरंत और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने की शहरों की क्षमता में वृद्धि होगी।

निवेश का बड़ा हिस्सा पाइपलाइनों के पुनर्वास या उन्हें बदलने और नए मीटर उपलब्ध कराने के लिए उपयोग होगा। यह परियोजना निम्न आय परिवारों को नए कनेक्शन प्रदान करके या पुराने को बदलने पर ध्यान केंद्रित करेगी। जल संरक्षण पर जन जागरूकता अभियान और अतिप्रवाह और रिसाव को कम करने से नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना का लक्ष्य 28 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाना है।

परियोजना के तहत, तीनों शहरों में से प्रत्येक का नगर निगम शहर की एक जल कंपनी की स्थापना करेंगे, जो दीर्घावधि में, शहर में जल सेवाओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगी। यह जल क्षेत्र की जिम्मेदारियों और रिंग-फेंस राजस्व को मजबूत करेगा। इसके अलावा, स्वच्छता सेवाओं को धीरे-धीरे प्रत्येक शहर की जल कंपनी में एकीकृत किया जाएगा।

परियोजना एक निजी ऑपरेटर अनुबंध के माध्यम से स्रोत से टैप करने के लिए एकल-बिंदु जवाबदेही का समर्थन करती है और एक स्वायत्त, शहर के स्वामित्व वाली जलापूर्ति कंपनी को संचालित करके सुधार की संस्थागत और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करती है। एक पारदर्शी वॉल्यूमेट्रिक टैरिफ प्रणाली, जो यह सुनिश्चित करती है कि उपभोक्ता केवल उसी के लिए भुगतान करें जो वे उपयोग करते हैं न कि प्रणाली में बर्बाद हुए पानी के लिए, का उद्देश्य सामाजिक रूप से टिकाऊ लागत वसूली सुनिश्चित करना है।

परियोजना के लिए विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर एंड्रियास रोहडे ने कहा कि"कर्नाटक में विश्व बैंक समर्थित पहली शहरी जलापूर्ति परियोजना, कर्नाटक शहरी जल क्षेत्र सुधार परियोजना, ने इस क्षेत्र में कई 'प्रथम' का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया : बड़े शहरों के कुछ हिस्सों में निरंतर और विश्वसनीय पाइप जलापूर्ति, अच्छी सेवाओं के लिए भुगतान करने की उपभोक्ता की इच्छा, और इस उभरते बाजार में निजी क्षेत्र की जनता के लिए स्वीकार्य शर्तों पर रुचि।”  उन्होंने कहा कि "कर्नाटक शहरी जल आपूर्ति आधुनिकीकरण परियोजना और अतिरिक्त वित्तपोषण यह सुनिश्चित करेगा कि इस काम को पूरे शहर में बढ़ाया जाएगा।"

कर्नाटक के साथ जुड़ाव शहरी जलापूर्ति में नवाचारी सुधारों के एक छोटे लेकिन बढ़ते पोर्टफोलियो का हिस्सा है, जिसे विश्व बैंक भारत में, उदाहरण के लिए हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पंजाब में समर्थन दे रहा है। कर्नाटक का नवाचारी कार्यक्रम बेहतर नगरपालिका जल सेवा स्तरों का एक मॉडल प्रदर्शित कर सकता है जिसे भारत में राष्ट्रीय स्तर पर दोहराया जा सकता है।


संपर्क

नई दिल्ली में
निकिता मान सिंह मेहता
nmehta6@worldbank.org
वाशिंगटन में
डायना या-वाई चुंग
dchung1@worldbank.org
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