नई दिल्ली, नवंबर 23, 2021 - भारत सरकार, आंध्र प्रदेश सरकार और विश्व बैंक ने दक्षिण के राज्य आंध्र प्रदेश के सरकारी प्रबंधित स्कूलों में शिक्षा, शिक्षण प्रथाओं और शासन की गुणवत्ता में सुधार के लिए 25 करोड़ डॉलर की एक परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस परियोजना से स्कूली शिक्षा के सभी ग्रेड और चरणों के छात्र लाभान्वित होंगे। इससे 45,000 से अधिक सरकारी स्कूलों के लगभग 40 लाख छात्र (छह से 14 वर्ष की आयु के बीच) और आंगनवाड़ी (एकीकृत बाल विकास केंद्र) में नामांकित दस लाख से अधिक बच्चे और लगभग 190,000 शिक्षक और 50,000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लाभान्वित होंगे।
सपोर्टिंग आंध्राज लर्निंग ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट शिक्षकों के पेशेवर विकास को प्रोत्साहित करेगा; कोविड-19 महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए उपचारात्मक शिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करेगा; और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों, अनुसूचित जनजातियों और लड़कियों सहित हाशिए के समूहों के छात्रों पर विशेष ध्यान देगा।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा कि "गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास का केंद्रीय बिंदु है। परियोजना आंध्र प्रदेश राज्य को कोविड-19 महामारी से प्रभावित बच्चों को हुए सीखने के नुकसान का उपाय करने सहित सरकारी स्कूलों को छोटे बच्चों के लिए मूलभूत शिक्षा पर केंद्रित जीवंत संस्थानों में बदलने के अपने दृष्टिकोण को पूरा करने में सहायता करेगी।”
समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा; आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव बुडीथी राजशेखर; और भारत विश्व बैंक की ओर से कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने हस्ताक्षर किए।
भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा “कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में सीखने के संकट को बढ़ा दिया है। शिक्षार्थियों की इस पीढ़ी की मानव पूंजी पर इसका प्रभाव लंबे समय तक रहने की संभावना है। शिक्षा के लिए एक नई दृष्टि को साकार करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है, जिसमें शिक्षा हर किसी के लिए हर जगह होती है।" उन्होंने कहा कि यह परियोजना बेहतर बुनियादी सुविधाओं, उन्नत डिजिटल शिक्षा और सभी के लिए और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के आंध्र प्रदेश सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करेगी।"
आंध्र प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में नामांकन, संक्रमण और प्रतिधारण दरों में सुधार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2017 के तहत कवर किए गए सभी ग्रेड और विषयों में, आंध्र प्रदेश में छात्रों के सीखने का स्तर उच्चतम है। हालांकि, ग्रेड 5 (आयु 10) के 40 प्रतिशत छात्र न्यूनतम ग्रेड-स्तरीय प्रवीणता से नीचे रहते हैं।
राज्य ने एक नया योग्यता-आधारित शिक्षण-सबक दृष्टिकोण अपनाया है। परियोजना कक्षा-आधारित परामर्श, सभी ग्रेड और विषयों के शिक्षकों के लिए आवश्यकता-आधारित शिक्षक प्रशिक्षण, वैयक्तिकृत अनुकूलित शिक्षण (पीएएल) विधियों, और मानकीकृत स्कूल-आधारित आकलन से जुड़ी उपचारात्मक शिक्षा के अन्य रूपों के माध्यम से शिक्षण प्रथाओं में सुधार करेगी।
इन सेवाओं को प्रदान करने के लिए स्कूलों की संस्थागत क्षमता का विकास करना समुदाय के विश्वास के निर्माण और सीखने के माहौल में सुधार करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। यह परियोजना स्कूल सुविधाओं के बेहतर रखरखाव, स्कूल प्रबंधन और निगरानी में माता-पिता की भागीदारी का समर्थन करने, डेटा उपलब्ध कराने और स्कूल की सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और प्रारंभिक ग्रेड (ग्रेड 1 और 2) शिक्षकों के लिए अल्पकालिक सेवाकालीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और इन केंद्रों और स्कूलों में शैक्षणिक रूप से उपयुक्त शिक्षण सामग्री (टीएलएम) की आपूर्ति के माध्यम से मूलभूत शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आधारभूत शिक्षा पर इस तरह का ध्यान बच्चों को भविष्य के श्रम बाजारों के लिए आवश्यक संज्ञानात्मक, सामाजिक-व्यवहार और भाषा कौशल के साथ तैयार करने में स्कूलों की तैयारी में सुधार करेगा। यह परियोजना आदिवासी ब्लॉकों के 3,500 स्कूलों में एक वर्षीय प्रीस्कूल स्तर का पाठ्यक्रम शुरू करेगी। यह जनजातीय समुदाय के बीच कम सीखने के स्तर के मुद्दे को हल करने में मदद करेगा।
परियोजना के लिए शिक्षा विशषज्ञ और विश्व बैंक के कार्यदल लीडर कार्तिक पेंटल ने कहा, "विश्व बैंक परियोजना आंध्र प्रदेश सरकार की नाडु नेडु (स्कूल परिवर्तन) पहल, जो स्कूलों को सीखने के जीवंत केंद्रों में पुनर्विकास करना चाहती है, को आगे बढ़ने में सहायता करेगी। सभी ग्रेडों में शिक्षक-छात्र के संपर्क में सुधार आने से सीखने में वृद्धि होगी और बच्चों को एक मजबूत शुरुआत मिलेगी।”
कोविड-19 महामारी के साथ, छात्रों के लिए घर-आधारित सीखने के अवसर राज्य के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। छात्रों के बीच डिजिटल उपकरणों की कम उपलब्धता को देखते हुए, टेलीविजन और रेडियो प्रसारण के लिए भौतिक शिक्षण किट और सामग्री विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह मौजूदा महामारी, भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं, या जलवायु परिवर्तन से संबंधित अन्य व्यवधानों के कारण स्कूल बंद होने से बच्चों को सीखने में होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करेगा।
इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) के 25 करोड़ डॉलर के ऋण की परिपक्वता अवधि 33.5 वर्ष है, जिसमें छह साल की छूट अवधि भी शामिल है।