नई दिल्ली, 28 अक्टूबर, 2021 - भारत सरकार, मेघालय सरकार और विश्व बैंक ने आज पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय के लिए 4 करोड़ डॉलर की एक स्वास्थ्य परियोजना पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करेगी और कोविड-19 महामारी सहित भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए राज्य की क्षमता को मजबूत बनाएगी।
मेघालय स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना राज्य की प्रबंधन और इसकी स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रबंधन और संचालन क्षमताओं को बढ़ाएगी; राज्य के स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम की डिजाइन और कवरेज का विस्तार करेगी; प्रमाणन और बेहतर मानव संसाधन प्रणालियों के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करेगी; और दवाओं एवं निदान तक प्रभावी पहुंच को सक्षम बनाएगी।
परियोजना से मेघालय के सभी 11 जिले लाभान्वित होंगे। यह प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों को उनकी योजना और प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करके और उनके नैदानिक कौशल का निर्माण करके लाभान्वित करेगी। यह परियोजना महिलाओं को सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर उपयोग करने में सक्षम बनाएगी।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा कि “स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मजबूत और विस्तारित करना भारत सरकार की प्राथमिकता है। यह परियोजना राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन और गुणवत्ता को बढ़ाएगी। यह स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे का विस्तार करने और इसे राज्य में गरीबों एवं कमजोर लोगों के लिए सुलभ एवं सस्ती बनाने में भी मदद करेगी।”
समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा; मेघालय सरकार की ओर से राम कुमार निदेशक, स्वास्थ्य सेवा एवं परिवार कल्याण निदेशालय; और विश्व बैंक की ओर से भारत के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने हस्ताक्षर किए।
भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा कि “मेघालय को कई प्रमुख स्वास्थ्य संकेतकों पर राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन करने का गौरव प्राप्त है। हालांकि, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में एक चुनौती बनी हुई है। कोविड-19 महामारी ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणालियों पर और दबाव डाला है, जिससे आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी प्रभावित हुई है।" “यह परियोजना गरीबों और कमजोर लोगों, महिलाओं और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के प्रयासों में सहायता करेगी।"
वर्ष 2019–20 में मेघालय में पांच साल से कम उम्र में मृत्यु दर प्रति 1,000 जन्मे बच्चों पर 40 मौतें थीं। पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बौनापन (स्टंटिंग) 47 प्रतिशत था – जो पिछले सर्वेक्षण (2015-16) के मुकाबले मामूली वृद्धि दर्शाता है। अधिकांश स्वास्थ्य संकेतकों में शहरी क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ कुछ जिलों ने दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है और ग्रामीण-शहरी अंतर मौजूद है। इस बीच, एनसीडी (उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर सहित) राज्य पर रोगों के भार के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है।
यह परियोजना मेघालय में फिलहाल केवल 56 प्रतिशत घरों को कवर करने वाले स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम मेघा स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएचआईएस) की प्रभावशीलता को मजबूत करने में मदद करेगी। राष्ट्रीय प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में अपने विलय के साथ, एमएचआईएस की योजना अब एक अधिक व्यापक पैकेज पेश करने और 100% परिवारों को कवर करने की है। यह अस्पताल सेवाओं तक पहुंच में आने वाली बाधाओं को कम करेगा और गरीब परिवारों के लिए हद से अधिक भारी खर्च को रोकेगा।
एक प्रमुख रणनीति के रूप में, परियोजना एक प्रदर्शन-आधारित वित्तपोषण प्रणाली की ओर बढ़ेगी जहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (डीओएचएफडब्ल्यू) और उसकी सहायक कंपनियों के बीच आंतरिक प्रदर्शन समझौते (आईपीए) सभी स्तरों पर अधिक जवाबदेही को बढ़ावा देंगे। इससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रणाली के प्रबंधन में सुधार लाने में काफी दूरगामी मदद मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना विभिन्न स्कीमों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने और राज्य बीमा एजेंसी की क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
यह परियोजना भावी प्रकोपों, महामारियों और स्वास्थ्य आपात स्थितियों में अधिक लचीला प्रत्युत्तर देने के लिए संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण में निवेश करेगी।
बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से जैव-चिकित्सा अपशिष्ट में भी वृद्धि हो सकती है। जैव-चिकित्सा अपशिष्ट और प्लास्टिक अपशिष्ट एवं ई-अपशिष्ट जैसे अन्य खतरनाक अपशिष्ट सहित अपशिष्ट का कोई भी अनुपयुक्त प्रबंधन पर्यावरणीय जोखिम पैदा करता है। परियोजना जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन (ठोस और तरल अपशिष्ट दोनों) के लिए समग्र व्यवस्था तंत्र के सुधार में निवेश करेगी। इसमें पृथक्करण, कीटाणुशोधन और एकत्रण शामिल होगा और पर्यावरण की रक्षा और स्वास्थ्य सेवा एवं रोगी सुरक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
परियोजना के लिए विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर और वरिष्ठ परिचालन अधिकारी अमित नागराज बथुला ने कहा, "कमजोर प्रबंधन क्षमता मेघालय में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपयोग को प्रभावित करने वाली कई खामियों की ओर ले जा रही है।" "यह परियोजना राज्य को प्रबंधन क्षमता में सुधार, स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्ता प्रमाणन, मानव संसाधन बढ़ाने, स्वास्थ्य बीमा और अन्य नवाचारों को मजबूत करने में मदद करेगी।"
इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) के 4 करोड़ डॉलर के ऋण की परिपक्वता अवधि 14.5 वर्ष है, जिसमें 5 वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है।