प्रेस विज्ञप्ति

विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष की भारत यात्रा

25 मार्च, 2012




नई दिल्ली, 25 मार्चः विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष रॉबर्ट ज़ेलिक सोमवार से भारत की अपनी औपचारिक यात्रा शुरू कर रहे हैं, जिसके दौरान वे पता लगाएंगे कि विश्व बैंक ग़रीबी से उबरने के भारत सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए अपनी 12वीं पंचवर्षीय योजना के मार्ग पर अग्रसर भारत की और क्या मदद कर सकता है।

रॉबर्ट ज़ेलिक ने कहा है, ‘‘भारत के साथ, जो हमारे संस्थापक सदस्यों में से है, बैंक की भागीदारी छह दशक पुरानी है और हम आशा करते हैं कि यह आगे भी जारी रहेगी। विश्व की अर्थव्यवस्था में बदलावों का भारत की संवृद्धि की गति पर असर पड़ सकता है और इसे विकास-संबंधी चुनौतियों से निपटना होगा। बैंक अपनी जानकारी (नॉलेज) तथा वित्तीय संसाधनों के जरिए भारत का आगे भी समर्थन जारी रखने के लिए तत्पर है, ताक‌ि यह आने वाली चुनौतियों का सामना कर सके।’’

अन्य दूसरी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ भारत के सतत विकास के स्तरों से भूमंडलीय अर्थव्यवस्था को प‌िछली वित्तीय मंदी से उबरने में मदद मिली थी। अपने आशाजनक बुनियादी सूचकांकों और घरेलू बचत की ऊंची दर से उत्साह‌ित भारत इस वर्ष 7 प्रतिशत की संवृद्धि दर अर्जित करने की द‌िशा में आगे बढ़ रहा है। लेकिन सरकार मानती है कि संवृद्धि के अधिक महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य अर्जित करने के लिए ऊर्जा, खनन-कार्य, भूमि और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में संरचनात्मक रुकावटों के साथ-साथ निर्यात की लाभकारिता को प्रभावित करने वाली नीतियों पर ध्यान देना होगा।

रॉबर्ट ज़ेलिक ने कहा है, ‘‘सरकार संवृद्धि की ऊंची दर सुनिश्चित करने के ल‌िए अपनी योजनाओं का संबंध‌ित मानकों के साथ समायोजन करने के साथ-साथ अवसंरचना में भी निवेश कर रही है, जिससे आगे चलकर रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी। यह राज्यों के बीच तथा स्वयं राज्यों में अर्थव्यवस्था तथा मानव विकास के क्षेत्रों में सुस्पष्ट अंतर को दूर करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि संवृद्धि से पयार्वरण को हानि न पहुंचे। हम सरकार के विकास-संबंधी महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए वचनबद्ध हैं और ऐसे तरीके ढूंढ़ रहे हैं जिनके जरिए हम संसाधनों का समझदारी से इस्तेमाल कर सकें, ताक‌ि अपने सामने मौजूद मुद्दों को हल करने के ल‌िए नीति-निर्माताओं और नियोजनकर्ताओं की विश्व में उपलब्ध सर्वोत्तम सोच तक पहुंच सुन‌िश्चित हो सके, भले ही इन मुद्दों का संबंध सामाजिक सुरक्षा तंत्र से हो या अवसंरचना के क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर आधारित उपक्रमों अथवा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने से।’’

विश्व बैंक के अध्यक्ष की हैसियत से अपने पांच-वर्षीय कार्यकाल के दौरान चार बार भारत की यात्रा कर चुके रॉबर्ट ज़ेलिक अपनी इस यात्रा के दौरान केन्द्र सरकार के वित्त मंत्री, गृह मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री के साथ-साथ योजना आयोग के उपाध्यक्ष समेत भारतीय नेताओं से भी मिलेंगे, ताकि वे अच्छी तरह समझ सकें कि भारत की विकास-संबंधी प्राथमिकताओं को पूरा करने में विश्व बैंक समूह किस तरह उपयोगी हो सकता है।

भारत विश्व बैंक का एक प्रमुख क्लाइंट है और यह संस्था इस वर्ष आगे चलकर देश के साथ अगले चार वर्षों के दौरान अपने कामकाज की रूपरेखा तैयार करेगी। यह देश इंटरनेशनल बैंक फ़ॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी), जो मध्यम आय वाले देशों को ऋण मुहैया कराता है, और इसकी निजी क्षेत्रीय इकाई इंटरनेशनल फ़ाइनैंस कार्पोरेशन (आईएफ़सी) का सबसे बड़ा क्लाइंट है। पिछले वित्त वर्ष में, जो जून 2011 में समाप्त हुआ, विश्व बैंक समूह ने भारत को 6.33 अरब अमरीकी डॉलर मुहैया कराए, जिसमें आईबीआरडी से प्राप्त 3.46 अरब अमरीकी डॉलर, आईएफ़सी से प्राप्त 77.5 करोड़ अमरीकी डॉलर और निर्धनतम देशों के लिए इसके कोष इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईडीए) से प्राप्त 2.07 अरब डॉलर शामिल हैं।

रॉबर्ट ज़ेलिक ने कहा है, ‘‘भारत की आवश्यकताएं काफ़ी अध‌िक हैं, इसलिए मैं भारत सरकार के साथ मिलकर उन नए-नए तरीकों का पता लगाने यहां आया हूं, ज‌िनकी मदद से विशेषकर अवसंरचना के क्षेत्र में वित्त सुलभ कराने के लिए हमारी संयुक्त वित्तीय क्षमताओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, ताक‌ि भारत सड़कों, राजमार्गों, रेलवे लाइनों और बिजली संयंत्रों का निर्माण कर सके, जिनकी संवृद्धि को गतिशील बनाने के लिए ज़रूरत है।’’

रॉबर्ट ज़ेलिक ओडिशा भी जाएंगे और देखेंगे कि प्रचुर खनिज संसाधनों वाला यह राज्य विकास-संबंधी अपनी नीतियों में पर्यावरण-संबंधी मुद्दों को किस तरह समायोज‌ित कर रहा है। वे यह जानने के लिए राज्य के तटवर्ती समुदायों से भी मिलेंगे कि ये अपने प्राकृतिक संसाधनों के नियोजन और संरक्षण में किस तरह भाग ले रहे हैं, जिससे इनकी आजीविका पर कोई असर नहीं पड़ता। वे ओडिशा के मुख्य मंत्री से भी भेंट करेंगे और इस बारे में विचार-विमर्श करेंगे कि विश्व बैंक समूह ऐसे राज्य की किस तरह और बेहतर ढंग से मदद कर सकता है, जिसकी लगभग आधी आबादी को अभी ग़रीबी से ऊपर उठना है।

आगामी 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले रॉबर्ट ज़ेलिक विश्व बैंक समूह के चेन्नै-स्थित कार्यालय में जाकर वहां के स्टाफ़ को धन्यवाद देंगे। वर्ष 2001 में लगभग 70 व्यक्तियों के साथ शुरू क‌िए गए चेन्नै-स्थित इस कार्यालय में आज लगभग 500 व्यक्ति बैंक के मुख्यालय और विश्व के विभिन्न देशों में स्थित इसके कार्यालयों (कंट्री ऑफ़िसेज़) के लिए कार्पोरेट फ़ाइनैंस, एकाउंटिंग, प्रशासन और आईटी सेवाओं के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

मीडिया संपर्क
में नई दिल्ली में
सुदीप मजूमदार
टेलिफ़ोन: +91 9810052117
smozumder@worldbank.org

प्रेस विज्ञप्ति नं:
2012/344/EXT

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