वाशिंगटन, 20 दिसम्बर, 2010 – आज विश्व बैंक ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 1.5 अरब डॉलर के क्रेडिट और लोन (ऋण) को स्वीकृति प्रदान की, ताकि विशेषकर पिछड़े इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों की ग्रामीण सड़कों तक पहुंच को बेहतर बनाने का काम जारी रह सके।
ग्रामीण इलाकों में सड़कों तक समुचित पहुंच बनाने की चुनौती पर ध्यान देने वाला यह कार्यक्रम वर्ष 2000 में ऐसे समय में शुरू किया गया था, जब देश में लगभग 40 प्रतिशत आबादी या 30 करोड़ व्यक्तियों के सामने सभी मौसमों में काम देने वाली (बारहमासी) सड़कों की कमी थी और ग्रामीण सड़कों के 27 लाख किमी. के मौजूदा नेटवर्क की हालत ख़राब थी, जिसकी वजह से बाज़ारों तक पहुंचने में रुकावट आ रही थी और माल लाने-ले जाने पर आने वाली लागत बढ़ रही थी। हालांकि, इसके बाद से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत नेटवर्क में 274,000 किमी. नई सड़कें जुड़ गई हैं, देश के विस्तृत, विशेषकर आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर और पहाड़ी इलाके अभी भी पहुंच से परे हैं।
भारत में विश्व बैंक के कंट्री डाइरेक्टर रॉबर्टो ज़ाघा ने कहा, "सड़कों के अच्छे नेटवर्क से माल के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाओं तक पहले से अधिक पहुंच हो जाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के लिए व्यावसायिक और सामाजिक लाभोपार्जन के अनेक अवसर पैदा हो सकते हैं। इसलिए, ग्रामीण सड़कों तक पहुंच और इनकी क्वालिटी में सुधार करना इस दृष्टि से पिछड़े इलाकों में संवृद्धि बढ़ाने और विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्त्वपूर्ण है।"
नई परियोजना हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मेघालय, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पर केन्द्रित होगी। अगले पांच वर्षों में परियोजना का उद्देश्य सभी मौसमों में काम देने वाली 24,200 किमी. सड़कें बनाकर इन राज्यों को लगभग 91 प्रतिशत कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। इससे लगभग 61 लाख लोग लाभान्वित होंगे।
नई परियोजना का निर्माण कार्य विश्व बैंक द्वारा वित्त-पोषित ग्रामीण सड़कों के बारे में अर्जित इसके अनुभव पर आधारित होगा और इसका लक्ष्य कार्यक्रम की सकल नीतिगत संरचना और प्रणालियों में सुधार करते हुए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की प्रभावकारिता बढ़ाना है, जिनमें परिणाम अर्जित करन ध्यान दिया जाएगा। इस परियोजना में 6 करोड़ डॉलर की तकनीकी सहायता भी शामिल है, जिसकी मदद से विशेषकर मौजूदा परिसंपत्तियों के प्रबंधन तथा स्थाई आधार पर सड़कों के रखरखाव लिए ग्रामीण सड़क एजेंसियों की क्षमता का गठन किया जाएगा।
कार्यक्रम को कारगर ढंग से चलाने और विशेष रूप छोटे-छोटे और दूरदराज़ इलाकों में तकनीकी डिज़ाइन-संबंधी मानकों का परिपालन करने की सड़क एजेंसियों की क्षमता गठित करने पर अत्यधिक ध्यान दिया जाएगा।
यह क्रेडिट और लोन विश्व बैंक की ऋणदाता संस्था इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईडीए) द्वारा, जो ब्याजमुक्त लोन उपलब्ध कराती है, जो 35 वर्षों में देय है और जिसका भुगतान 10 वर्ष बाद शुरू होगा, तथा इंटरनेशनल बैंक फ़ॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे, जो 18 वर्षों में देय है और जिसका भुगतान 5 वर्ष बाद शुरू होगा।