नई दिल्ली, 9 जुलाई, 2010: आज यहां भारत सरकार और विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने स्टैटिस्टिकल स्ट्रेंग्थेनिंग (सांख्यिकी प्रणाली के सुदृढ़ीकरण) के लिए 10.7 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से संयुक्त सचिव श्री अनूप के. पुजारी और विश्व बैंक के भारत-स्थित कंट्री डाइरेक्टर एन. रॉबर्टो ज़ाघा ने हस्ताक्षर किए।
भारत में पिछले दशक के दौरान तेज़ी से आए आर्थिक और सामाजिक परिवर्तनों की वजह से आंकड़ों पर आधारित बेहतर और समय के अनुरूप जानकारी की ज़रूरत पैदा हो गई है। प्रथम, गतिशील आर्थिक संवृद्धि से संरचनागत परिवर्तन हुए हैं और अर्थव्यवस्था में नए क्षेत्रों का महत्त्व बढ़ा है। दूसरे, आज राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में निजी निवेश और इसकी उत्पादकता का अंश काफी बड़ा है, जिसमें और वृद्धि हो रही है। तीसरे, समय के साथ-साथ राज्य सरकारों की भूमिका में भी ख़ासी बढ़ोतरी हुई है और प्रगति की इस रफ़्तार को बरकरार रखने के लिए राज्यों में आवश्यक नीति-संबंधी सुधार जारी हैं। चौथे, भूमंडलीय आर्थिक संकट के हाल के प्रभावों के बारे में, जिनका भारत सफलतापूर्वक सामना कर रहा है, सही आंकड़ों की ज़रूरत में काफी बढ़ोतरी हुई है।
विश्व बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री और परियोजना की टीम लीडर फ़राह ज़हीर ने कहा, ‘‘इन सभी परिवर्तनों को सांख्यिकी प्रणाली के जरिए संकलित करने की ज़रूरत है, ताकि सभी स्तरों पर कारगर नीतियां बनाने और फ़ैसले करने में सहायक ज़रूरी आंकड़े सुलभ हो सकें। तेज़ी से हो रहे आर्थिक और सामाजिक परिवर्तनों को मापने, सुधारों के प्रभाव को मॉनिटर करने और राज्यों तथा केन्द्र में नीति-संबंधी परिवर्तनों को अंशशोधित (कैलिब्रेट) करने के लिए एक उन्नत और आधुनिक सांख्यिकी प्रणाली आवश्यक हो गई है।’’
स्टैटिस्टिकल स्ट्रेंग्थेनिंग ऋण से राष्ट्रीय नीति के तहत राज्यों में सांख्यिकी प्रणालियों को मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार के संस्थागत और नीति-आधारित सुधारों को बल मिलेगा। इससे राज्यों और केन्द्र-शासित क्षेत्रों को केन्द्र और राज्यों के स्तर पर मुख्य सांख्यिकी गतिविधियों से संबंधित समान राष्ट्रीय मानकों की दिशा में आगे बढ़ने और इनकी तथा अन्य आंकड़ों की विश्वसनीयता बढ़ाने और इनकी सामयिकता तथा शुद्धता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
आईबीआरडी द्वारा सुलभ कराए जाने वाले 10.7 करोड़ डॉलर के स्टैटिस्टिकल स्ट्रेंग्थेनिंग ऋण की मैच्योरिटी अवधि 30 वर्ष है, जिसमें 5 वर्ष की ग्रेस अवधि भी शामिल है।