दो बच्चों की माँ छत्तीस वर्षीय निशात जहाँ ईंटों की एक कतार पर झुकी हुई ध्यान से जाँच रही है कि ईंटें सीधी रेखा में हैं या नहीं। सुबह के 9:30 बजे हैं और वह अब तक एक शौचालय की आधी दीवार बना चुकी है। उसके काम करने की रफ्तार देखकर ग्रामीणों को आश्चर्य होता है।
उससे कुछ फुट दूर,उसकी सहेली और सहकर्मी 42 वर्षीया उषा रानी, 4 फुट गहरे गड्ढे के अंदर खड़ी है और ईंट और सीमेंट से बड़ी सफाई से उसे पक्का कर रही है। निशात और उषा झारखंड की राजधानी राँची से लगभग 70 किलोमीटर दूर हजारीबाग ब्लॉक के सिलबर खुर्द गाँव में एक घर में शौचालय का निर्माण कर रही हैं। निशात ने गर्व से दावा किया कि "मैं इस शौचालय की दीवारों का निर्माण एक दिन में कर लूँगी।" आमतौर पर 3 से 4 महिलाओं के समूह को दो गड्ढों वाले शौचालय का निर्माण करने में 3 से 4 दिन लगते हैं जिसे इन दो महिलाओं ने आधे समय में पूरा करने की योजना बनायी है।
इन महिलाओं में से एक, चालीस वर्षीया उर्मिला देवी, दो वर्षों से राजमिस्त्री हैं। वे बड़ी शान से बताती हैं कि ‘मैंने पूरे झारखंड राज्य में 1,000 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया है। यहाँ तक कि मैं इनके निर्माण के लिए बिहार के चंपारण जिले में भी गयी थी।’ उनके साथ काम करने वाली पूनम देवी यह बता कर बात पूरी करती हैं कि उन्होंने पिछले एक साल में लगभग 900 शौचालय बनाये हैं।
भारत में, राजगीर का काम एक विशेष कौशल है जिस पर आमतौर पर पुरुषों का वर्चस्व है। इन लोगों को 'राजमिस्त्री' कहा जाता है –जिसमें 'राज' राजा या किंग का संक्षिप्त रूप है। परंपरागत रूप से, इस काम में महिलाओं ने ईंटें ढोने, सीमेंट का मिश्रण तैयार करने और पुरुषों के आदेशों का पालन करने जैसी सहायक भूमिकाएँ निभायी हैं।
झारखंड की रानी मिस्त्रियों के उत्साही समूह ने इस लैंगिक भेदभाव को अब तोड़ दिया। राज्य में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़े पैमाने पर शौचालय निर्माण अभियान शुरू होने पर महिलाओं ने पहली बार राजगीर का काम किया। अधिकांश पुरुष शहरों में काम करने के लिए पलायन कर गये और जो कुछ पुरुष गाँवों में बचे रह गये, उन्हें लगता था कि ग्रामीण शौचालयों का निर्माण कर वे जो पैसा कमायेंगे, वह इस काम के लिए बहुत मामूली रकम है।
आज झारखंड की 50,000 से अधिक की कुशल रानी मिस्त्रियों की कार्यशक्ति ने राज्य को नवंबर, 2018 में खुले में शौच से मुक्ति का दर्जा हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। जिस तरह इनके पुरुष समकक्षों को राजा कहा जाता है, उसी तरह इन महिलाओं को ‘’कहा जाता है।