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मुख्य कहानी

विश्व बैंक की कन्ट्री स्ट्रेटेजी भारत के लिए (2013-16)

14 सितंबर, 2012

कहानी की प्रमुख घटनाएं
  • विश्व बैंक के पास सलाह संबंधी एक श्रृंखला है जो उसके कन्ट्री प्रोग्राम स्ट्रेटेजी (सीपीएस) में भारत के लिए है, वर्ष 2013-2016 के लिए.
  • सीपीएस दरअसल बैंक के लिए किसी भी देश के साथ काम करने के लिए अगले 4 वर्षों का एक मार्गदर्शक प्रकार है.
  • प्रतिक्रिया और सलाह को निम्न ईमेल पते पर भेजा जा सकता है: consultationsindia@worldbank-org

विश्व बैंक के पास सलाह संबंधी एक श्रृंखला है जो उसके कन्ट्री प्रोग्राम स्ट्रेटेजी (सीपीएस) में भारत के लिए है, वर्ष 2013-2016 के लिए. सीपीएस दरअसल बैंक के लिए किसी भी देश के साथ काम करने के लिए अगले 4 वर्षों का एक मार्गदर्शक प्रकार है. परिणामों के प्रति कार्यरत,सीपीएस का लक्ष्य है भारत के विकास को गति प्रदान करना, उन्नति में निरंतरता और अधिक क्षेत्रों को शामिल करना और सरकार को आनेवाली बारहवी पंचवर्षीय योजना के लिए तैयार करना.

सीपीएस में प्रमुख क्षेत्र पहचाने जाते हैं जहां पर विश्व बैंक मदद कर सकता है और इससे गरीबी को कम करने का काम संभव हो सकता है. इससे विश्व बैंक के समूहों की वित्तीय, सलाह संबंधी और तकनीकी सहयोग संबंधी जानकारी चार वर्षों की अवधि के दौरान देश को मिलने संबंधी जानकारी मिलती है.

सीपीएस को देश के अधिकारियों के साथ सलाह मशविरा कर तैयार किया जाता है, साथ ही नागरिक समाज संगठन, विकास भागीदार, मीडिया, निजी क्षेत्र और अन्य भागीदार भी इसके निर्माण में शामिल होते हैं. इस सलाह की मदद से विश्व बैंक के समूह को भागीदारों के विविध क्षेत्रों के अनुभवों का लाभ भी मिलता है और उनके साथ सलाह मशविरा करने से विश्व बैंक देश के विकास संबंधी चुनौतियों को पूरा कर सकती है. इस चर्चा में केवल देश संबंधी दीर्घावधि विकास को लेकर ही चर्चा नही की जाती है बल्कि आर्थिक विकास के सामने आने वाली चुनौतियां और आव्हानों को भी ध्यान में रखा जाता है और वर्तमान धीमी गति को लेकर काम किया जाता है. 

इस प्रकार से विश्व बैंक समूह इस प्रकार के सलाह संबंधी कायोर्ं के वर्कशॉप्स की एक श्रृंखला आयोहित करती है और ये विविध शहरों में सीपीएस को लागू करने के लिए 2013-2016 के लिए किए जा रहे हैं. इनमें शामिल है दिल्ली और चार राज्यों की राजधानियां, बैंगलोर, रायपुर, गुवाहाटी और लखनऊ. प्रत्येक राजधानी को उसके सामने रहने वाले विविध चुनौतियों को देखते हुए चुना गया है और वे देश के विविध क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन स्थानों से मिलने वाल अप्रतिसाद, प्रतोकिया आदि को बैंक के अंतिम सीपीएस में महत्वपूर्ण स्थान दिया जाएगा. इनका प्रभाव बैंक के आनेवाले प्रकल्पों में भी दिखाई देगा, नीतियों और प्रपत्रों में भी.

प्रतिक्रिया और सलाह को निम्न ईमेल पते पर भेजा जा सकता है: consultationsindia@worldbank-org

सलाह की प्रक्रिया

विश्व बैंक समूह के सीपीएस को भारत के लिए 2013-16  के मध्य लागू करने की अंतिम प्रक्रिया इस प्रकार हैः

मध्य मई 2012:  सीपीएस के लिए विश्व बैंक समूह द्वारा मसौदे को बनाया जाएगा

मध्य मई - जून अंतिम सप्ताह 2012:

वित्त मंत्रालय और संबद्ध मंत्रालयों से केन्द्र में चर्चा

राज्य सरकारों से चर्चा जिनमें छः राज्य शामिल हैं, कर्नाटक, छत्तीसगढ, असम और उत्तर प्रदेश.

दिल्ली और अन्य पांच राज्यों की राजधानियों की नागरिक सामाजिक संगठनों से चर्चा

जुलाई समाप्ति : सीपीएस की तैयारी

सीपीएस को वेबसाईट के माध्यम से चर्चा में बनाकर अन्य प्रतिसाद प्राप्त करना

नागरिक सामाजिक संगठनों से चर्चा जिसमें सीपीएस के लिए अलग से सत्र रहेगा.

सप्टेंबर 2012: विश्व बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के समक्ष रखा जाना

सीपीएस के अंतिम मसौदे का प्रारुप बनाना

नागरिक सामाजिक संगठनों से अंतिम प्रश्नोत्तरी

सलाह से आगे, विश्व बैंक समूह सभी प्रतिभागियों को इस तैयार प्रदर्शन की प्रति अंग्रेजी व हिन्दी में भेजता है. यह प्रदर्शन प्रमुख सीपीएस (2009-2012), की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में बताता है, इसके साथ आने वाले अवसर और चुनौतियां जो भारत के भीतर व बाहर मौजूद हैं. साथ ही यह बारहवी पंच वर्षीय योजना को लेकर मार्गदर्शन भी देता है. यह इसकी आंतरीक व बाह्य परियोजनाओं पर आधारित होता है जो कि वर्ष 2013-2016  के मध्य लागू हो सकती हैं.

प्रमुख रुप से तीन मुख्य क्षेत्र जिनमें विश्य वैंक का सहयोग 2009-2012 की समयावधि के दौरान रहा, बैंक का अब प्रमुख लक्ष्य है अपने सहयोग के तकनीकी पक्ष को मजबूत करना जिससे क्षमता का विकास हो सके. इसके साथ ही बैंक द्वारा इस बार देश के आंतरिक इलाकों में भी काम किया जाएगा जो कि पिछडे और विकासशील दोनो प्रकार के राज्यों से होंगे, इसका प्रमुख लक्ष्य गरीब राज्यों पर होगा.

प्रमुख प्रश्न जो प्रतिभागियों के समक्ष रखे जाने है, जिनपर उन्हे अपने विचार रखने हैं, उनमें शामिल हैं:

क्या सीपीएस के विचार भारत या आपके देश संबंधी प्रगति के मापदन्डों पर खरे उतरते हैं? (आपके अनुसार प्राथमिकताएं क्या हैं? हम क्या छोड रहे हैं?)

आपके अनुसार विश्व बैंक आपके राज्य की चुनौतियों को दूर करने के लिए क्या भूमिका निभा रही है? (कौन से क्षेत्र - कृषि, यातायत, पर्यावरण, शिक्षा? किस प्रकार की मदद अपेक्षित है - वित्त, जानकारी, अनुभव आदि?)

आपके राज्य में विकास संबंधी अमलीकरण के काम को लेकर आपके क्या विचार हैं (सरकार, एकता - लिंग आधारित, सेवाओं तक पहुंच, आवाज उठाना, अन्य?)

विश्व बैंक आपके साथ किस प्रकार से काम कर सकती है जिससे वह आपके राज्य के सामने रहने वाली चुनौतियों को दूर कर सके?

क्या कोई अन्य बिन्दु हैं जिनपर आप चर्चा करना चाहते हैं?

बैंगलोर में हुई चर्चा में मिले प्रतिसाद के अनुसार, बैंक के पिछले विभाग में मौजूद एक पाठ को प्रदर्शन में जोडा गया है. अब यह प्रदर्शन बचे हुए शहरों में जोडकर किया जाएगा.

प्रतिक्रिया और सलाह को निम्न ईमेल पते पर भेजा जा सकता है: consultationsindia@worldbank-org

राज्यवार सलाह

रायपुर, छत्तीसगढ मई 23, 2012

गुवाहाटी, असम - मई 29, 2012

बैंगलोर, कर्नाटक - मई 31, 2012

लखनऊ, उत्तर प्रदेश -जून 13, 2012

दिल्ली - जून 26, 2012


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