सितंबर 22, 2009: भारत सरकार के निवेदन पर विश्व बैंक ने आज 4.345 अरब डॉलर के चार ऋणों को मंजूरी दी। यह किसी एक देश को एक वर्ष में दी गई दूसरी सबसे बडी रकम है।
इनमें से कुल 4.2 अरब डॉलर के पहले तीन ऋण, जो हालांकि भारत की 10 खरब डॉलर अर्थव्यवस्था के मुकाबले काफी छोटे नज़र आते हैं, भारत की अधोसंरचना की असाधारण आवश्यकता में योगदान देंगे और वैश्विक आर्थिक तथा वित्तीय संकट में देश को आधार देकर भविष्य में मजबूत विकास के लिए नींव रखेंगेः
- बैंकिंग क्षेत्र आधार ऋणः 2 अरब डॉलर
- भारत अधोसंरचना वित्त कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) को सहायताः 1.195 अरब डॉलर
- पाँचवीं विद्युत प्रणाली विकास परियोजनाः 1 अरब डॉलर
- आंध्र प्रदेश ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता परियोजनाः 15 करोड डॉलर
हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.1% की दर से बढी - विश्व की सबसे ऊँची विकास दरों में से एक - फिर भी यह 2006/07 की सर्वोच्च दर 9.7% से काफी कम है। ऊँची विकास दर भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, खास कर गरीबी के खिलाफ संघर्ष जारी रखने में।
बैंकिंग क्षेत्र आधार ऋण
विश्व बैंक का 2 अरब डॉलर का बैंकिंग क्षेत्र आधार ऋण भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अधोसंरचना, लघु तथा मध्यम उद्योग तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास तथा उन्हें आगे आने वाले मंदी से वापसी के दौर के लिए मजबूती देने में सक्षम करेगा।
अधोसंरचना के लिए आधार
विश्व बैंक भारत अधोसंरचना वित्त कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) को 1.195 अरब डॉलर की सहायता देकर भारत सरकार को अपने सडक, रेल्वे और बंदरगाहों के विशाल अधोसंरचना कार्यक्रम पूर्ण करने में मदद करेगी। अधोसंरचना निवेश को आधार देना इस समय खास महत्व रखता है, न केवल वैश्विक संकट के समय सकल घरेलू मांग को बनाए रखने के लिए, बल्कि भविष्य के अधिक मजबूत आर्थिक विकास की नींव रखने के लिए भी।
विद्युत प्रसारण नेटवर्क के लिए आधार
पाँचवीं विद्युत क्षेत्र आधार परियोजना के लिए 1 अरब डॉलर का ऋण राष्ट्रीय विद्युत प्रसारण उपयोगिता, पॉवरग्रिड, को बढती उपभोक्ता मांग पूरी करने के लिए विद्युत प्रसारण नेटवर्क का विस्तार करने में, खास कर देश के पश्चिमी, उत्तरी तथा दक्षिणी भाग में, मदद करेगा।
30 वर्ष की अवधि वाले ये ऋण अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण तथा विकास बैंक (आईबीआरडी) द्वारा दिये जाएंगे।
बैंक ने आंध्र प्रदेश ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना के लिए 15 करोड डॉलर भी मंजूर किये, जिससे राज्य के 6 जिलों के 2600 गांवों में जल आपूर्ति तथा स्वच्छता सेवाओं में सुधार आ सकेगा। इसका लक्ष्य है 20 लाख लोगों तक पानी पहुँचाना तथा 10 लाख लोगों तक स्वच्छता सेवा पहुँचाना जो अब तक इससे वंचित हैं। यह ऋण अंतरराष्ट्रीय विकास संस्था - विश्व बैंक की उदार ऋण शाखा - व्दारा दिया जाएगा।
भारत के राष्ट्रीय निर्देशक रॉबर्ट झाग़ा इस ऋण का महत्व समझाते हुए।