भारत के घनी आबादी वाले दक्षिणी राज्य केरल में देश में सबसे अधिक वर्षा होती है।
2018 में केरल में सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ आई। जिसमें लगभग 5.4 मिलियन लोग - राज्य की आबादी का करीब एक-छठा हिस्सा, प्रभावित हुआ था। इस बाढ़ से विशेष रूप से राज्य के धान के कटोरे, पंबा नदी घाटी में जीवन, संपत्ति और आवासों की व्यापक क्षति हुई थी। इस आपदा से $3.74 बिलियन (भारतीय रुपये 267.20 बिलियन) का नुकसान हुआ था।
बाढ़ एक खतरे की घंटी साबित हुई, जिसने राज्य को अपने विकास प्रतिमान पर पुनर्विचार करने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल एक नए केरल का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया।
2018 के बाद से, केरल के साथ विश्व बैंक की अपनी तरह की पहली साझेदारी ने राज्य को जोखिम के मूल कारणों की जांच करने और आपदाओं, जलवायु परिवर्तन, बीमारी के प्रकोप और महामारी से निपटने की अपनी क्षमता को मजबूत करने में मदद की है।
केरल सरकार के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. वेणु वासुदेवन ने कहा, "इस प्रतिबद्धता से हमारा पूरा विकास प्रक्षेप पथ सकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है।"