शबनम सिन्हा भारत में विश्व बैंक में शिक्षा और कौशल क्षेत्र का नेतृत्व करती हैं। उनका काम मानव विकास, शिक्षा और निवेश पर इसके रिटर्न; प्रदर्शन-आधारित वित्तपोषण, प्रणालीगत प्रदर्शन और प्रोत्साहन; श्रम बाजार और एमएसएमई पर केंद्रित है। श्रम बाजारों में, उनका प्रमुख काम कौशल उन्नयन में निजी क्षेत्र एवं सरकारों की भूमिका और श्रम बाजार, विशेष रूप से महिला श्रम शक्ति भागीदारी में एमएसएमई के योगदान को देखना है। उन्होंने विकास भागीदार सह-वित्तपोषण, परोपकार और निजी वित्त के जरिए विकास के लिए वित्त को अधिकतम करने पर व्यापक कार्य किया है। 28 वर्ष के करियर में शबनम ने सरकारी, निजी क्षेत्र और द्विपक्षीय (यूएसएआईडी) और बहु-पक्षीय (डब्ल्यूबीजी) एजेंसियों में काम किया है। उन्होंने परिचालन, विश्लेषणात्मक और ज्ञान विनिमय कार्यों के जरिए दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया, अफ्रीका के क्षेत्रों में काम किया है।
कोविड-19 के संदर्भ में, स्कूल बंद होने और सीखने और प्रशिक्षण के अवसरों तक पहुंच और भविष्य की नौकरी की आकांक्षाओं पर इसके प्रभाव के मद्देनजर, वह त्वरित प्रतिक्रिया परियोजनाओं पर काम करती रही हैं। यह परियोजनाएं कोविड-19 के प्रभावों का निवारण करती हैं और (i) तत्काल जोखिमों को कम करने और सभी को शिक्षा एवं प्रशिक्षण देना जारी रखने; और (ii) सभी सेक्टरों में एक रणनीतिक अनिवार्यता के रूप में कौशल प्रशिक्षण में लचीलापन रखने के लिए भविष्य की आपातकालीन प्रतिक्रिया की तैयारी करती हैं। वह शिक्षा और कौशल में हरित लचीले समावेशी विकास (जीआरआईडी) पर भारत में बैंक के काम का नेतृत्व करती हैं।